Saturday, 3 November 2018
Wednesday, 9 May 2018
क्या होगा इस प्रदेश का..? भगवान जाने..!
रमन सरकार 13 वर्षों में एक भी सरकारी दवा दूकान नहीं खोल सकी लेकिन एक ही दिन में 694 सरकारी शराब दूकान खोलकर इतिहास रच दिया है।
बंद करना चाहिए शराब को लेकिन बंद कर दिए डॉक्टर (क्लिनिक) को क्या यह सही है इसे दुनिया के हर ब्यक्ति तक पहुचाओ यारो। डॉक्टर को बंद कर मरीजो को मार रहे है शराब को चालू कर स्वस्थ इंसान को मार रहे है। एक नजर जरूर डालें। डिग्री वाले को "झोलाछाप" की उपाधि देकर इन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे है और इधर पांचवी-आठवी पढ़े मितानिनों से गांव- गांव दवाई बटवा रहे है। समय पड़ने पर यही झोलाछाप डॉक्टर काम आते है। सरकारी अस्पताल में तो डॉक्टर को ढूंढते रह जाओगे। क्योकि वो डॉक्टर तो अपना प्राइवेट क्लिनिक में बैठा मिलेगा।
क्या होगा इस प्रदेश का..? भगवान जाने..!
डॉ. रमन का नया आवाज..👇
आधा मरही पी के देशी
आधा रेंगही पी के पेशी
बन्द हो रही हैं सरकारी पाठशाला
अब शुरू हो रही सरकारी मधुशाला
बीयर, रम, व्हिस्की अब नए अवतार में
कुछ दिन तो गुजारो इस सरकार में
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Tuesday, 10 April 2018
Saturday, 10 March 2018
Chhattisgarhi chhathi card छत्तीसगढ़ी छट्ठी कार्ड
संगवारी हो छत्तीसगढ़ी भाखा म बने कारड मन के अपन लगेच महत्व हे
हमर करा छत्तीसगढ़ी भाखा म बने छट्ठी कारड हे येला आपो मन बऊरव..
हमर करा छत्तीसगढ़ी भाखा म बने छट्ठी कारड हे येला आपो मन बऊरव..
Chhattisgarhi chhatti card
छत्तीसगढ़ी छट्टी कारड
"ARPA CHHATTI CARD A"
"ARPA CHHATTI CARD B"
"ARPA CHHATTI CARD C"
"ARPA CHHATTI CARD D"
गृह प्रवेश अउ छट्ठी दुनो के संघरा
छत्तीसगढ़ी छट्ठी कार्ड
राजकुमार साहू जी के घर के छठी कार्ड
Monday, 26 February 2018
चाणक्य के तीन सीख
संगी हो गुरु चाणक्य ल कोन नई जानय उंखर बताये नीति मन ल अपना के आज लोगन बड़का मन बुद्धिजीवी, राजनीतिज्ञ उद्योगपति अउ बड़का आदमी बनत जात हे
गुरु चाणक्य ह अपन नीति म तीन सीख देहे रिहिस जेला अपना के आप घलो सफल मनखे बन सकत हव
जानना चाहहु वो सिख मन कोन कोन से हे त आवव हम आप मन ल बताबो गुरु चाणक्य के वो तीन सिख का रिहिस...
पहिली सीख :- गियान पाए के सीख (ज्ञानार्जन)
गुरु चाणक्य ह ये बात बोले रिहिन के जिनगी म कहूँ भी कभू भी कोई भी बेरा म कोई गियान के बात मिलत है त ओला खच्चित झोंक लेवव हव संगी हो कुछु सीखे के कोई उमर नई होवय हमन ल जिनगी म कुछ न कुछ नवा सीखत रहना चाही ताकि हमर ब्यक्तित्व बिकास होवय अउ हमू मन लोगन ल कुछु नवा सीखा सकन।
दूसर सिख :- खाना खाएं के सीख (भोजन करना)
गुरु चाणक्य के दूसर सिख रिहिस के हमन ल अपन पेट के ख्याल राखत खाना खा लेना चाही कभू बी भूखा पेट नई रहना चाही अपन जरूरत अनुसार भोजन कर लेना चाही ओमा लजाना बिल्कुल नई चाही सही बी बात हे संगी हो हमन खाये पिये के मामला म भारी लापरवाह होवत जात हन, जइसे बी होये कभू बी अपन भोजन ल छोड़ना नई चाही सुरता करके भोजन कर लेना चाही समय म।
तीसरा सीख:- लाज नई मरे के सीख (संकोच)
गुरु चाणक्य के तीसरा सिख जेमा उमन बोले है कि अगर कोई काम गलत लागत हे तो गलती करैया ल बेझिझक टोकना जरूरी है चाहे गलती करैया आप के कतको करीबी क्यों न रहय। संगी हो आप मन जानत हो जिनगी म कई अइसे मोड़ आथे जेमा ये देखे ल मिलथे के कोई मनखे हमर आँखी के आघु गलती करत है अउ हम ओला कुछु नई बोल पावत हन जेन हमर सबले बड़का कमजोरी हरे संगी हो हमन ल अपन संकोची प्रवृति ल तियागे ल परही तभे हमर जिनगी सफल होही।
त आप मन देखेव संगवारी हो गुरु चाणक्य ह कइसे सुग्घर सुग्घर सिख दे हे जेखर ले मनखे अपन ब्यक्तित्व बिकास कर सकत हे।
एसनहे सुग्घर गोठ बात के सिलसिला ह जारी रइही "अपनी बात आपके साथ" म
गुरु चाणक्य ह अपन नीति म तीन सीख देहे रिहिस जेला अपना के आप घलो सफल मनखे बन सकत हव
जानना चाहहु वो सिख मन कोन कोन से हे त आवव हम आप मन ल बताबो गुरु चाणक्य के वो तीन सिख का रिहिस...
पहिली सीख :- गियान पाए के सीख (ज्ञानार्जन)
गुरु चाणक्य ह ये बात बोले रिहिन के जिनगी म कहूँ भी कभू भी कोई भी बेरा म कोई गियान के बात मिलत है त ओला खच्चित झोंक लेवव हव संगी हो कुछु सीखे के कोई उमर नई होवय हमन ल जिनगी म कुछ न कुछ नवा सीखत रहना चाही ताकि हमर ब्यक्तित्व बिकास होवय अउ हमू मन लोगन ल कुछु नवा सीखा सकन।
दूसर सिख :- खाना खाएं के सीख (भोजन करना)
गुरु चाणक्य के दूसर सिख रिहिस के हमन ल अपन पेट के ख्याल राखत खाना खा लेना चाही कभू बी भूखा पेट नई रहना चाही अपन जरूरत अनुसार भोजन कर लेना चाही ओमा लजाना बिल्कुल नई चाही सही बी बात हे संगी हो हमन खाये पिये के मामला म भारी लापरवाह होवत जात हन, जइसे बी होये कभू बी अपन भोजन ल छोड़ना नई चाही सुरता करके भोजन कर लेना चाही समय म।
तीसरा सीख:- लाज नई मरे के सीख (संकोच)
गुरु चाणक्य के तीसरा सिख जेमा उमन बोले है कि अगर कोई काम गलत लागत हे तो गलती करैया ल बेझिझक टोकना जरूरी है चाहे गलती करैया आप के कतको करीबी क्यों न रहय। संगी हो आप मन जानत हो जिनगी म कई अइसे मोड़ आथे जेमा ये देखे ल मिलथे के कोई मनखे हमर आँखी के आघु गलती करत है अउ हम ओला कुछु नई बोल पावत हन जेन हमर सबले बड़का कमजोरी हरे संगी हो हमन ल अपन संकोची प्रवृति ल तियागे ल परही तभे हमर जिनगी सफल होही।
त आप मन देखेव संगवारी हो गुरु चाणक्य ह कइसे सुग्घर सुग्घर सिख दे हे जेखर ले मनखे अपन ब्यक्तित्व बिकास कर सकत हे।
एसनहे सुग्घर गोठ बात के सिलसिला ह जारी रइही "अपनी बात आपके साथ" म
Sunday, 25 February 2018
छत्तीसगढ़ी वर्णमाला (आखर पट)
ये हरे छत्तीसगढ़ी भाखा के आखर पट
आप मन जानत हव के छत्तीसगढ़ी भाखा ह छत्तीसगढ़ के जम्मो छत्तीसगढ़िया मन के महतारी भाखा हरे संग म सरकर येला 28 नवंबर 2007 म राजभाषा के दर्जा घलो दे दे हे फेर विडंबना ये है कि आज तक ना तो कोई सरकारी कार्यालय म एखर माध्यम ले नोटशीट जारी होवय न ही कोई स्कूल म एखर माध्यम ले पढ़ाई -लिखाई...
ये आखर पट ल ज्यादा ले ज्यादा बगरावव...!
आप मन जानत हव के छत्तीसगढ़ी भाखा ह छत्तीसगढ़ के जम्मो छत्तीसगढ़िया मन के महतारी भाखा हरे संग म सरकर येला 28 नवंबर 2007 म राजभाषा के दर्जा घलो दे दे हे फेर विडंबना ये है कि आज तक ना तो कोई सरकारी कार्यालय म एखर माध्यम ले नोटशीट जारी होवय न ही कोई स्कूल म एखर माध्यम ले पढ़ाई -लिखाई...
का ये आखर पट जेन आप देखत हव का ये स्कूल म छत्तीसगढ़ी माध्यम ले पढ़ाई के बर एक उदाहरन नई ये?
ये आखर पट ल ज्यादा ले ज्यादा बगरावव...!
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