एक गांव म एक चित्रकार रहत रिहिस। वो हर एक सुघ्घर असन फोटू (पेंटिंग) बनइस अउ ओला बीच चउक टांग दिस। चित्रकार वो फोटू के नीचे कुछ लिखिस की "ये फोटू म कोई कमी होही तो उंहा एक ठन चिनहा पार देहु" सांझा के जब वो फोटु ल देखिस तो दुखी होके अब्बड़ रोइस वो फोटू पूरा चिनहा मन ले खराब हो गे रिहिस।
जब ये बात ओखर एक संगवारी ल पता चलीस तो वो किहिस के संगी ते परेसान झन हो कल एक नवा फोटू बना अउ ओखर नीचे लिखबे की "ये फोटू म कोई कमी या गलती दिखही ओला सही या पूरा कर देहु" बिहान दिन जब वो चित्रकार अपन फोटू ल देखिस तो ओला कोई खराब नई करे रिहिस जस के तस तिहीस।
वो चित्रकार समझ के संसार के इही नियम आये की कमी निकालना, बुराई करना अउ दूसर ला दोसी कहना असान हे फेर वो कमी मन ल दुरिहा करना बड़ कठिन हे।
संगी हो जिनगी ल सदा सुखी अउ हंसत-खेलत बिताना हे तो एक नियम बना लव की "कहूँ भी कोई जिनिस म कमी नई खोजना हे बलकी ओला अउ सुग्घर बनाये खातिर सुझाव मांगबो। गउकिन जिनगी ह एकदम जोरदार हो जही...
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